Newtown Park नाम की एक शांत बस्ती में, एक पीले रंग का प्यारा-सा घर था जिसके बग़ीचे में गेंदे के फूल खिले थे। इस घर में रहते थे Mr. and Mrs. Sharma, अपने चार बच्चों के साथ।
सबसे बड़े थे Aryan, बारह साल का एक समझदार लेकिन बहुत धीरे-धीरे और आवाज़ के साथ खाने वाला लड़का। फिर थीं जुड़वाँ बहनें — Meera और Myra, दस साल की, हमेशा हँसी-मज़ाक और नए प्लान्स में लगी रहती थीं। और सबसे छोटा था Gappu (Gopal) — छह साल का गोल-मटोल बच्चा जिसे हर चीज़ खाना बहुत पसंद था। Gappu कभी कुछ चबाता नहीं था — वो तो सब कुछ सीधा निगल जाता था।
बिलकुल बगल वाले क्रीम रंग के घर में रहते थे Mr. and Mrs. Khan — उनके तीन बच्चे थे: Mahira, बारह साल की समझदार लड़की; Seraj, नौ साल का शरारती लड़का जो कागज़ के paper planes बनाता था; और छोटा सा Roshan, जो हमेशा दौड़ता, हँसता और मस्ती करता रहता।
एक Saturday की सुबह, दोनों families शादी में जा रही थीं — एक church में, जहाँ बच्चों को ले जाना मना था।
Mrs. Sharma ने जाते-जाते कहा, “शाम तक लौट आएँगे! बाहर मत जाना, ठीक है?”
Mr. Sharma बोले, “Lunch और snacks रख दिए हैं। घर के अंदर रहना। Aryan, तुम सबका ध्यान रखना।”
बगल में Mr. Khan ने भी वही बात दोहराई। “Mahira, भाइयों का ध्यान रखना। बाहर नहीं जाना।”
सभी बच्चों ने सिर हिलाया — जैसे सच में बात समझ ली हो।
जैसे ही cars चली गईं, दोनों घरों में सन्नाटा छा गया।
फिर — ठक-ठक-ठक! — पड़ोस की wall पर तीन बार दस्तक हुई।
Roshan था। “Picnic चलें park में?”
Myra चिल्लाई, “Yes! हमारे पास खाना है!”
Seraj बोला, “हम cricket bat लाएँगे!”
Aryan बोला, “और football!”
Mahira बोली, “पर मम्मी-पापा ने मना किया है।”
Meera बोली, “अरे थोड़ा सा ही तो जाना है! क्या बुरा हो सकता है?”
Gappu खुशी से बोला, “Picnic! Pancake!”

सभी हँस पड़े और तैयार होकर चल दिए — सात बच्चे, अपने mats, खाना और games के साथ।
Aryan ने door लॉक किया और key lunch bag में रख दी।
Park बहुत ही सुंदर था — birds चहक रही थीं, हवा पेड़ों से बातें कर रही थी। लड़कियाँ butterflies के पीछे भाग रही थीं, लड़के football खेल रहे थे।
और Gappu? वो तो बस खा रहा था!
Banana, sandwich, दो pancakes जो उसने Seraj के डब्बे से चुपके से ले लिए, biscuit, bun — सब कुछ। चबाना नहीं, बस निगल जाना!

शाम होने लगी तो सभी ने सामान समेटा।
Mahira ने कहा, “चलो घर चलते हैं।”
सबसे पहले उन्होंने Khan family को उनके घर छोड़ा। फिर Sharma बच्चे अपने gate पर पहुँचे — लेकिन दरवाज़ा तो बंद था।
Aryan ने lunch bag देखा।
Key नहीं थी।
उसने अपनी, Meera और Myra की pockets देखीं। Key कहीं नहीं मिली।
Meera बोली, “क्या वो park में रह गई?”
Myra बोली, “या रास्ते में गिर गई।”
Aryan बोला, “हमें वापस चलकर ढूँढनी होगी।”
तभी Gappu ने अपना पेट पकड़ लिया। उसका चेहरा पीला और लाल हो गया।
वो बोला, “मुझे अच्छा नहीं लग रहा…”
सब घबरा गए।
तभी car की headlights सामने पड़ीं — मम्मी-पापा आ गए थे!
Meera चिल्लाई, “Mom-Dad आ गए!!”
Mrs. Sharma दौड़ती हुई आईं, “तुम लोग बाहर क्यों हो? Gappu को क्या हुआ?”
बच्चों ने एक साथ बोलना शुरू कर दिया — “हम park गए थे… key खो गई… और Gappu की तबीयत खराब है…”
Mr. Sharma बोले, “क्या?!”
Meera रोते हुए बोली, “हमें doctor के पास ले चलो!”

Mrs. Sharma बोलीं, “चलो जल्दी car में बैठो!”
Gappu को उठाकर वो car की ओर चले ही थे कि —
BLLERRRGHH!!
Gappu ने road पर उल्टी कर दी।
Sandwich, pancake crumbs, आम का टुकड़ा — और एक चमकती चीज़!
सबने देखा — वो थी खोई हुई key!
एक पल को सब चुप।
फिर Myra ने चिल्लाया, “उसने key खा ली थी!!”
Seraj ने अपनी window से हँसते हुए कहा,
“Gappu! इसीलिए खाना चबाकर खाना चाहिए!”
सब हँस पड़े — यहाँ तक कि mom-dad भी मुस्कुरा दिए।
Mrs. Sharma ने purse से spare key निकाली, door खोला और Gappu को गले से लगा लिया। “तुम अब भी सज़ा पाओगे,” उन्होंने कहा, “लेकिन पहले मैं खुश हूँ कि तुम ठीक हो।”
उस रात बच्चों ने तीन बातें सीखीं:
- जब mom-dad मना करें, तो घर पर रहो।
- Key कहाँ है, ये हमेशा याद रखो।
- और सबसे ज़रूरी बात…
खाना हमेशा चबाकर खाना चाहिए!
Read the story in English: The Great Key Mystery